Monday, October 10, 2011

जगजीत सिंह का निधन "एक सदी का अंत"

विलियम शेक्सपीयर ने कभी कहा था कि "नाम में क्या रखा है " मगर उनके  इस बात को कई बार गलत होते देखा गया / आज मैं भी उनके इस कथन को गलत मानते हुए ये कहना चाहता हूँ कि "नाम में हीं सब कुछ रखा है.   "
"जगजीत" इसका अर्थ होता है जगत को जितने वाला, मतलब जो दुनिया को जीत लेता है . यही नाम था एक ऐसे परवाने की जो लोगों के दिलों पर कई सालों से छाया रहा. चाहे वो गम में डूबा टुटा दिल आशिक हो या प्रेम में अंगड़ाई लेता जोड़ा, हर किसी के दिल पर जगजीत का खुमार छाया  रहा. इनसे अपने नाम के अनुसार दुनिया को जीत लिया. शायद आप सिर्फ जगजीत कहे जाने से सोच रहे होंगे की दुनिया में इस नाम के कई लोग हैं, फिर मैं किस जगजीत की बात कर रहा हूँ ? मैं बात कर रहा हूँ "गजल सम्राट " जगजीत सिंह की.जिन्होंने अपने गीतों को लोगों के होठों पर गुनगुनाने को मजबूर कर दिया. उनके वे गीत "होठों से छू लो तुम , मेरा गीत अमर कर दो " जब लोगों की जुबान पर चढ़े  तो यह गीत तो अमर हुआ हीं साथ हीं जगजीत सिंह को भी भविष्य में उनके देहांत के बाद अमर करने के लिए कदम बढ़ा दिए थे. 
आज सोमबार 10 अक्तूबर , सुबह में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहते हुए फिर से अपने वे गीत लोगों को अपने होठों पर गुनगुनाने के लिए छोड़ दिए. जगजीत सिंह के अलविदा कहते हीं एक सदी का अंत हो गया / आज पूरा देश शोक में डूब गया है. 
जगजीत सिंह ने तो दुनिया को अलविदा कह दिया मगर उनके  दिए तोहफे (गीत) और भारत को गजल की दुनिया में एक मुकाम हाशिल करवाना , हमेशा उनको जिन्दा रखेगी, कोई कितना भी चाह ले, उनकी नामो - हस्ती इस दुनिया से कभी मिटने वाली नहीं है / 

  "जगजीत का जाना, एक पूरी दुनिया का उठ जाना है, इक पूरे दौर का उठ जाना है"... गुलजार 






महान गायक जगजीत सिंह के अचानक यूं महफिल से उठकर चले जाने पर केवल इतना कहा जा सकता है 


"फरिश्तों अब तो सोने दो , कभी फुरसत में कर लेना हिसाब , आहिस्ता , आहिस्ता "
                                                     



  

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