Thursday, November 25, 2010

जाऊँ कहाँ ?

 भारत में बहुत ऐसी जगहें हैं और मैं तो कहता हूँ की शायद विश्व के लगभग हर देश में, जहाँ के लोग किसी अजनबी से मिलने पर लोग उनके पूछने से पहले ये पूछते हैं की आप कहाँ से हो? उसके बाद ही उनके नाम पूछते हैं क्यूंकि भारतीयों के नाम हीं कुछ ऐसे होते हैं जो उनके प्रदेश को संबोधित कर देता है / जैसे, अगर किसी के नाम के साथ ऐय्यर जुड़ा हो तो पता चलता है की वो दक्षिण भारत का है , और अगर किसी के नाम के साथ दास या विश्वास तो वह बंगाल से है अदि / आज लगभग विश्व के हर क्षेत्र के लोग आपस में ही जाति, धर्म और भाषा, क्षेत्रीयता के नाम पर एक दुसरे का सर कलम कर रहे हैं / 
अगर    अपने   ही    देश    एवं    क्षेत्र   में   लोगों    का    ये   हाल   है   तो   लोग   जायें   तो   जायें कहाँ ?
मैंने भी यही देखा है और अभी भी देख रहा हूँ / लोग कहते हैं की दुनिया २१वी शताब्दी में पहुँच गया है, लेकिन मैं तो लगता है की ये दुनिया आगे उजाले की ओर न जाकर पीछे घनघोर अँधेरे की तरफ हीं चलता जा रहा है , जहाँ लोग एक दुसरे को सताने एवं दुःख - क्लेश देने के सिवा कुछ नहीं कर सकती /
मैंने इन्हीं चीजों को मह्शूश किया था (और अभी भी कर रहा हूँ ) और जो कुछ मह्शूश किया उसे पंक्तिओं में लिखा /


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