Friday, November 26, 2010

"The Other India: Possibilities Beyond the Really-Existing Democracy"


इस 3rd semester  में  हर दिन कुछ न कुछ नया होता रहा है जिसे कि मैं  है  बहुत ही जरुरी भी मानता हूँ / "Ayodhya Verdict " और " Festible for Forsaken " जैसे  successful programm organise  करने के बाद अब बारी थी  "The Other India: Possibilities Beyond the Really-Existing Democracy"  की /
आज हमारी आजादी के 63 साल हो जाने के बाबजूद भी बहुत सी बातें हैं जिनको की हम  सही से नहीं जानते , जिस तरह से सिक्के के दो पहलू होतें है उसी तरह से हर विवाद के भी कुछ न कुछ कारण होते है जिनको की हम सही से जाने बगैर ही दुसरे को गलत  और अपने पक्ष  वालों को सही समझते हैं /
हम बहुत कम ही बार हकीकत  जानने की कोशिश  करते है, और इसका सबसे बड़ा  कारण यह है की हम जब से होश सँभालते हैं हमे यही बतलाया जाता है की  हमलोग सही थे और अभी भी हैं, और अगला इंसान गलत है , उसने गलत किया था / और हम उन्हें अपना दुश्मन समझ लेते है बगैर यह जाने हुए की सच्चाई क्या है /
बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो अगले पक्ष की बात को उजागर करते हैं, क्यूंकि यही किसी के मन में किसी के प्रति कोई गलत क्षवि बैठ जाये तो उनको ये समझा पाना बहुत ही मुश्किल एवं शाहस का कम होता है की कौन सही है और कौन गलत ?
आज हमारी University  में DABMSA (दलित, आदिवासी,बहुजन,मिनोरिटी,स्टुडेंट असोसिएसन) ने कुछ ऐसा हीं   शाहस का काम किया, Topic  था  "The Other India: Possibilities Beyond the Really-Existing Democracy"  जैसा कि नाम से  ही पता चल जाता है की यह कितना विवाद भरा  होगा और किस तरह की बातो को पर विचार - विमर्श हुआ होगा /
topic की तो बात हो गयी अब बात रही इनमे Invited Guests ,
Varavara rao
Prof. Haragopal
Prof. Kancha Ilaya
Dr. S.A.R Geelani (Du Teacher)
Md Dawood, Solidarity Youth MovementJanuary 2008 to present Working Committe Member
Latif Khan Civil liberties monitoring committee
Krishna (HRF)
जो की अपने में बहुत मायने रखते हैं / इन लोगों में जो मुख्य अतिथि थे, वो थे Dr. S.A.R Geelani (प्रोफेसर ऑफ़ दिल्ली विश्वविद्यालय ) जो की पुरे हिंदुस्तान में जाने जाते है / जिनको की कुछ ही साल पहले भारतीय संसद भवन पर हमले  के   लिए आरोपी ठहराया गया था,और पुरे हिंदुस्तान में इन्हें बहुत शक की निगाह से देखा जाता है /
अब आप समझ सकते है की DABMSA  इसे  organise  किया यह वाकई हिम्मत और शाहस का कम था की नहीं ?
इस debate में invite किये गए हर guest ने अपने अपने राय दिए / जिससे हमे यह जानने का मौका मिला की आज क्या आज का भारत सच में एक  Democratic Country  है जहाँ गलत के खिलाफ उठाये गए जनता की हर आवाज़ को दबा दिया जाता है, लोग  Naxalites  क्यूँ  है ,सरकार जनता के हित में क्या कर रही है, आज़ादी के 63 साल हो चुके हैं हम कहाँ तक अपने लक्ष्य को पाने में सफल हुए हैं, भारत - पाकिस्तान के बीच लड़ाई का कारण क्या है, कश्मीर किसका है , कश्मीर में आज जो हालत हैं उनका जिम्मेबार  कौन है ? ऐसे कई मुद्दों पर उनलोगों ने  अपने अपने राय दिए जो की हकीकत में बहुत लोगों को नहीं पता था /
चुकी मुझे  किसी Debate या Discussion को सुनना बहुत अच्छा  लगता है इसलिए मैं इस  पुरे कार्यक्रम को देखा-सुना , और मुझे अच्छा भी लगा /
मैं DABMSA को इस तरह के Programm organise करने के लिए  धन्यवाद देता हूँ और आशा करता हूँ की future में भी वे इस तरह के Programm को organise करते रहे ताकि जो भी हकीकत हो चाहे किसी भी पक्ष का हो लोगों के सामने आये और लोग इनसे जागरूक हो क्यूंकि किसी भी देश की तरक्की तब तक संभव नहीं है, जब तक  कि  वहां के लोग जागरूक नहीं हो जाये /

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