Thursday, January 27, 2011

" ये क्या मजाक है यार ? "

 "  ये क्या मजाक है यार ?"  आप जरुर ये सोच रहे होंगे की मैंने इस वाक्य का प्रयोग क्यूँ किया ?
इसका सबसे बड़ा कारण है , आंध्र प्रदेश में अगल  तेलंगाना राज्य के गठन की मांग को लेकर चल रहा विवाद  / यहाँ के लोगों की मांग सही है या नहीं ? मैं इस पर कुछ ना कहना ही ठीक  समझता हूँ / मगर अलग तेलंगाना राज्य को बनाने को लेकर चल रहे विवाद के कारण  आंध्र प्रदेश को  और यहाँ की जनता को तो दिक्कतों का सामना करना ही पड़ा साथ ही साथ यहाँ पढाई करने  आये बाहर के  छात्रों और यहाँ के स्थानीय छात्रों को भी काफी नुकसान  उठाना पड़ा /   second semester  में   भी मतलब ठीक एक साल पहले  भी हमलोगों का class cancel किया गया था , मगर उस समय जो भी होता था वो नोटिस के   अनुसार होता था या पहले से ही पता चल जाता था की classes होंगे या नही ?


मगर हद तो इस semester  में  हो गयी जब Osmania university ,  जो की तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग करने की मुहीम में मुख्य भूमिका निभा रहा है, में MCA और अन्य कई विषयों कि परीक्षा शुरू हो गयी और किसी तरह की हिंसा भी नहीं हुई ,मगर हमारा विश्वविद्यालय, English and foreign languages university जहाँ की तेलंगाना को लेकर अभी तक किसी तरह की हिंसा आदि नहीं हुआ था , को बिना किसी कारण बस लगभग 23 दिनों तक बंद रखा गया , यहाँ के विश्वविध्यालय प्रशासन ये भी नहीं सोचा की इस बेवजह बंद का  यहाँ के छात्रों के  भविष्य  पर क्या प्रभाव पड़ेगा  खास कर उनपर जिनका की last semester  है ? 
यहाँ के तेलंगाना समर्थक छात्रों  ने भी इस बंद को बेवजह ठहराया मगर फिर भी न जाने क्यूँ इसे बंद रखा गया ?, एक समय तो ये भी बातें चर्चा में थी की कहीं इस पुरे semester को ही cancel न कर दिया जाये, मगर भगवन का शुक्र है की ऐसा कुछ नहीं हुआ /
खैर ! देर आये दुरुस्त आये !
किसी तरह आज  कुछ department का class हुआ , मगर देखना ये है की आगे क्या होगा ?
कहीं फिर से तो बेवजह हमारे class को बंद  तो नहीं न किया जाएगा ?
अगर ऐसा होता है  तो, शायद  अगली  बार हमे  कहना पड़ेगा.....
                    "बार - बार  ये क्या मजाक है यार ? " 

No comments:

Post a Comment